Monday, December 31, 2012

Wednesday, December 26, 2012

Mere zameer ko is qadar nichoda na karo....


Mere zameer ko is qadar nichoda na karo !! 
Har musalmaan ko dehshatgardi se joda na karo !! 

Hum ne bhi ganwaayii hain jaane azadi ke liye !! 
Tum hame shaq ki nazar se dekha na karo !! 

Hindu ho musalman ho sikh ho ke isaaii ho sub ek hain!! 
Tum hamein hi mazhab ke tarazo me tola na karo !! 

Dekh ke masoomon ki laashon ko jitna tum roye utna hum roye hain !! 
Tum hamein haiwaaniyat ki zaat se joda na karo !! 

Zara dekho us lachaar maa, biwi, aur bache ko !! 
Masoomon ki lashoon per siyasath ki chadar ko lapeta na karo !! 

Watan ke baani ho agar to ekta per  wishwas karo !! 
Mazhab ke naam per voton ko batora na karo !! 

Jo kare watan se gaddari wo musalmaan nahi shaitaan hai !! 
Tum mere paak mazhab ko is shaitaaniyat se joda na karo !! 

ਮੈਂ-ਔਰਤ-ਦੀ-ਕੀ-ਸਿਫਤ-ਕਰਾਂ......



ਮੈਂ ਔਰਤ ਦੀ ਕੀ ਸਿਫਤ ਕਰਾਂ,
ਇਨਸਾਨ ਖੁਦ ਔਰਤ ਦਾ ਜਾਇਆ ਹੈ,,

ਮੈਂ ਮਾਂ ਆਪਣੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚੋਂ,,,
ਹਰ ਵਾਰ ਹੀ ਰੱਬ ਨੂੰ ਪਾਇਆ ਹੈ,,,,

ਇਕ ਔਰਤ ਮੇਰੀ ਦਾਦੀ-ਮਾਂ,,
ਜਿਸ ਕਰ ਕੇ ਮੇਰੇ ਬਾਪ ਦੀ ਮੇਰੇ ਸਿਰ ਤੇ ਛਾਇਆ ਹੈ,,,,,

ਹਰ ਘਰ ਵਿਚ ਔਰਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ,,
ਔਰਤ ਹਰ ਘਰ ਦਾ ਸਰਮਾਇਆ ਹੈ,,,,,

ਫੇਰ ਪਤਾ ਨੀ ਦੁਨਿਆ ਨੇ,,,
ਕਿਓਂ ਧੀ ਨੂੰ ਮਾੜਾ ਬਣਾਇਆ ਹੈ,,,,,,,,,

Friday, December 21, 2012

व्यर्थ नहीं हूँ मैं......

व्यर्थ नहीं हूँ मैं!
जो तुम सिद्ध करने में लगे हो
बल्कि मेरे ही कारण हो तुम अर्थवान
अन्यथा अनर्थ का पर्यायवाची होकर रह जाते तुम।

मैं स्त्री हूँ!
सहती हूँ
तभी तो तुम कर पाते हो गर्व अपने पुरूष होने पर
मैं झुकती हूँ!
तभी तो ऊँचा उठ पाता है
तुम्हारे अंहकार का आकाश।
मैं सिसकती हूँ!
तभी तुम कर पाते हो खुलकर अट्टहास
हूँ व्यवस्थित मैं
इसलिए तुम रहते हो अस्त व्यस्त।
मैं मर्यादित हूँ
इसीलिए तुम लाँघ जाते हो सारी सीमायें।

स्त्री हूँ मैं!
हो सकती हूँ पुरूष...
पर नहीं होती
रहती हूँ स्त्री इसलिए...
ताकि जीवित रहे तुम्हारा पुरूष
मेरी नम्रता, से ही पलता है तुम्हारा पौरुष
मैं समर्पित हूँ!
इसीलिए हूँ उपेक्षित, तिरस्कृत।
त्यागती हूँ अपना स्वाभिमान
ताकि आहत न हो तुम्हारा अभिमान
जीती हूँ असुरक्षा में
ताकि सुरक्षित रह सके
तुम्हारा दंभ।

सुनो!
व्यर्थ नहीं हूँ मैं!
जो तुम सिद्ध करने में लगे हो
बल्कि मेरे कारण ही हो तुम अर्थवान
अन्यथा अनर्थ का पर्यायवाची होकर रह जाते तुम........


(कविता किरण)

Tuesday, December 18, 2012

पवित्रता


कुछ शब्द हैं जो अपमानित होने पर
स्वयं ही जीवन और भाषा से
बाहर चले जाते हैं

'पवित्रता' ऐसा ही एक शब्द है
जो अब व्यवहार में नहीं,
उसकी जाति के शब्द
अब ढूंढें नहीं मिलते
हवा, पानी, मिट्टी तक में

ऐसा कोई जीता जागता उदहारण
दिखाई नहीं देता आजकल
जो सिद्ध और प्रमाणित कर सके
उस शब्द की शत-प्रतिशत शुद्धता को !

ऐसा ही एक शब्द था 'शांति'.
अब विलिप्त हो चुका उसका वंश ;
कहीं नहीं दिखाई देती वह --
न आदमी के अन्दर न बाहर !
कहते हैं मृत्यु के बाद वह मिलती है
मुझे शक है --
हर ऐसी चीज़ पर
जो मृत्यु के बाद मिलती है...

शायद 'प्रेम' भी ऐसा ही एक शब्द है, जिसकी अब
यादें भर बची हैं कविता की भाषा में...

ज़िन्दगी से पलायन करते जा रहे हैं
ऐसे तमाम तिरस्कृत शब्द
जो कभी उसका गौरव थे.

वे कहाँ चले जाते हैं
हमारे जीवन को छोड़ने के बाद?

शायद वे एकांतवासी हो जाते हैं
और अपने को इतना अकेला कर लेते हैं
कि फिर उन तक कोई भाषा पहुँच नहीं पाती.......


(कुंवर नारायण)

Friday, November 30, 2012

Ishtihaar-Rabbi Shergill.

Learn Basic steps of Punjabi folk dance Bhangra-Baith Ke Bhangra-part-8

learn basic steps of punjabi folk dance Bhangra-Chaal-part-7

Learn basic steps of punjabi folk dance Bhangra-Faslan-part-6

Learn basic steps of punjabi bhangra dance-Fumniyan-part 5

Learn basic steps of punjabi folk dance bhangra-Budha Jhoomer-part 4

Learn basic steps of punjabi folk dance Bhangra -Bedi- Part 3

Learn basic steps of punjabi folk dance bhangra- Dhamaka- Tart two

Learn basic steps of punjabi folk dance-Bhangra- Double Jhaafaa-Part one

haryanvi song Nandi ke vira

ASSAMESE BIHU SONGS:- BOROLIN ASPOLIN ARILI

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Tuesday, November 27, 2012

Essential Habits for Success


We all want to succeed. Whether it’s in losing weight, learning the guitar, speed reading, or starting our own business. For those of us who have tried and failed, success seems elusive. Why is it one person succeeds where another person fails? First and foremost, I believe it is in their mindset. But secondly, I believe that successful people have developed certain habits, either naturally or through research, that the rest of us haven’t stumbled upon yet.
Though I want each of you to succeed in everything you do, I can’t guarantee success. Only you can do that. It starts in your mind, and

Monday, November 26, 2012

Interview of Poet, filmmaker and Oscar winner author Gulzar

Poet, filmmaker and author Gulzar has been widely acclaimed for his art, winning an Oscar in 2009 following several honours within India. In a ceremony this week, Gulzar will receive the Indira Gandhi Award for National Integration. Speaking with Humra Quraishi , Gulzar discussed his inspirations, how he fell in love with literature, why writing is like riding a tiger — and how cinema today resembles fast food:

You've been acclaimed for your creativity across different quarters — what is your current focus?

I want to only — and only — focus on my writing. There are several books in my head and i want to complete them. I've been translating Rabindranath Tagore for children recently. I find writing for children absolutely enriching and fulfilling and i want to concentrate on this. Let me just add here that i think today we are

अबुल हसन यमीनुद्दीन ख़ुसरो देहलवी की रचना

अबुल हसन यमीनुद्दीन ख़ुसरो देहलवी ने तो अपनी निम्न रचना में एक पंक्ति फारसी और दूसरी पंक्ति हिन्दी की लिखकर एक अनूठा प्रयोग  कर डाला  ग़ज़ल का रदीफ़ फ़ारसी में है और क़ाफ़िया हिन्दवी में.

ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल
दुराये नैना बनाये बतियाँ
कि ताब-ए-हिज्राँ न दारम ऐ जाँ
न लेहु काहे लगाये छतियाँ
चूँ शम्म-ए-सोज़ाँ, चूँ ज़र्रा हैराँ
हमेशा गिरियाँ, ब-इश्क़ आँ माह
न नींद नैना, न अंग चैना
न आप ही आवें, न भेजें पतियाँ
यकायक अज़ दिल ब-सद फ़रेबम
बवुर्द-ए-चशमश क़रार-ओ-तस्कीं
किसे पड़ी है जो जा सुनाये
प्यारे पी को हमारी बतियाँ
शबान-ए-हिज्राँ दराज़ चूँ ज़ुल्फ़
वरोज़-ए-वसलश चूँ उम्र कोताह
सखी पिया को जो मैं न देखूँ
तो कैसे काटूँ अँधेरी रतियाँ


आप की सहूलियत के लिए इसका अनुवाद भी किये दे रही  हूं:

पगड़ी

हरभजन सिंह बेचैन थे। उनकी बेचैनी उनके कमरे की दीवारों को भेदती हुई पूरे घर में पसर रही थी। यहाँ तक नीचे रसोई में काम कर रही उनकी बहू गुरप्रीत भी उसे महसूस कर सकती थी। गुरप्रीत भी सुबह से सोच रही थी कि ऐसी कौन सी बात है जो कि दारजी को इतना परेशान कर रही है और वह उसे कह नहीं पा रहे हैं। घर में भी तो कुछ ऐसा नहीं घटा जो दारजी को बुरा लगा हो। वैसे भी उनकी आदत तो इतनी अच्छी है कि कोई भी ऊँची-नीची बात हो जाए तो वह बड़ी सहजता से उसे एक तरफ़ कर देते हैं और अपने परिवार की शान्ति में कोई अन्तर नहीं आने देते। आज तो अभी तक नाश्ता करने के लिए भी नीचे नहीं आए, सुबह के दस होने को थे। आमतौर पर तो वह स्वयं, बेटे निर्मल के काम पर जाने के तुरंत बाद नीचे आ कर रसोई में खुद चाय बनाने लगते हैं। कोई दूसरा उनका काम करे उन्हें अच्छा नहीं लगता। लेकिन आज... कहीं तबीयत तो ढीली नहीं उनकी। कल शाम को जब वह बचन अंकल से मिल कर लौटे थे तो कुछ चुप से थे। कहीं उनके साथ तो कुछ कहा-सुनी तो नहीं हो गई? पर...

फोटो का सच

-जब वे सरकारी दफ़्तर पहुँचे, वे हाँफ रहे थे। वह दफ़्तर बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर था। वे कुछ दिनों से कई बार यहाँ आते रहे हैं। वे बड़ी मुश्किल से सीढ़ियाँ चढ़कर इस दफतर तक पहुँच पाते हैं। सीढ़ियाँ चढ़ते हुए, उन्हें एकाद दो बार थकावट भरा चक्कर सा आ जाता है। ऐसे में वे अपनी छड़ी किनारे टिकाकर, किसी कुर्सी पर बैठ जाते हैं। दफ़्तर के हर मंजिल पर प्रतीक्षार्थियों के लिए कुछ कुर्सियाँ रखी हैं। जहाँ बैठकर उन्हें सुस्ताना पड़ता है। पर तीसरी मंजिल तक पहुँचते पहुँचते वे थककर चूर हो जाते हैं। उन्हें अपने दिल की धड़कन कान में बजती सुनाई देती है। पूरे कपड़़े पसीने से भीग जाते हैं और एक बार जो छाती की धौंकनी चलनी चालू होती है, वह फिर घण्टों तक बंद नहीं होती।
तीसरी मंजिल पर पहुँचकर वे उस कमरे तक पहुँचते हैं। वे पिछले छह माह में कई बार यहाँ आ चुके हैं। उस कमरे के बाहर पड़ी बैंच पर वे थोड़ा देर

फिर आना!

पतले शीशों की ऐनक में शाम का सूरज ढल रहा था। संध्या की लालिमा में घुल कर उसका साँवला चेहरा ताम्बई होने लगा। कस कर बनाए गए जूड़े से निकल कर बालों की एक लट हवा से शरारतें कर रही थी। अपनी देह पर घटते इन परिवर्तनों के प्रति निर्विकार-सी बनी वह पार्क की बेंच के सहारे मूर्तिवत टिकी हुई थी।
बरसों बाद की मुलाकात का कोई उछाह उसके चेहरे पर दर्ज नहीं हो पाया। आठ सालों बाद अचानक वह मुझे इस पार्क में मिली और पिछले चालीस मिनटों से हम साथ है। इस दौरान उसने मुझे सिर्फ पहचाना भर है। यह उसकी बहुत पुरानी आदत है, जान कर भी अनजान बने रहना।
'अब चलें?' उसके होठों से झरने वाली किसी शब्द की प्रतीक्षा में खुद को अधीर पाकर मैंने कहा। अपने से बातें करते रहने की उसकी यह अदा कभी मुझे बहुत रिझाती थी। आज सालों बाद यही अदा झेल पाना कितना मुश्किल लग रहा है।
'हूँ', चिहुँक कर उसने आँखें खोली-'तुमने कुछ कहा मनु?' आँखें बंद किए-किए वह जाने किन रास्तों पर निकल पड़ी थी। जी चाहा कि उससे पूछू कि इन अंधी यात्राओं से मैंने पहले भी कभी तुम्हें लौटा लाना चाहा था तब तुमने मेरी पुकार को क्यों अनसुना किया। मन हुआ कि उससे पिछले आठ

Punjabi Sikh Wedding De Riti-Riwaz


VIAH TON PAHLAN :(Before Marriage In Punjab) 

Bhocha torna : Viah di sab ton pahli rasam shuru hoyee bhocha toran ton. Bhocha torna means ladki di family formally ladke di family nu viah te invite kardi hai.... jisda matlab hunda hai ki aj ton hun tusi vi viah diyan sariyan tyaariyan shuru kar deyo.Bhoche vich ladke de ghar gandh chithi(formal inviation), a lot of dry fruits,mishri, vichole vicholan de kapde, mithaeee etc. bhejeya janda hai.

Daaj de kapde bnana : bhocha toran ton baad viah diya baaki tyariyan shuru ho jandiyan ne.Us ton baad ghar de saare jee ikatthe

Sunday, November 25, 2012

म्यूजिकल चेयर...................एक कहानी पद्मा राय जी की


 लाल ईंटों से बनी इमारत सामने दिखाई दे रही  है।  मुख्य द्वार के गेट से अंदर प्रवेश करते ही - एक कतार में थोडे-थोडे दूर पर खडी पीले रंगों की बसों पर लिखी इबारत पर यूं ही नजर चली गयी। बडे-बडे एवं साफ सुथरे अक्षरों से उन पर लिखा था _

''चेतावनी''

''विकलांग बच्चों की बस''

''कृपया दूरी बनाए रखें''

यहां आने वाले बच्चों मे से ज्यादातर के चेहरे,मेरे दिमाग में किसी फिल्मी रील की तरह घूम गये। बहुत ज्यादा सोचने का समय नहीं था। रिसेप्शन पर निवाड से बंधा पंकज हाथ में कलम लेकर रजिस्टर में कुछ लिख रहा था। मुझे देखकर हमेशा की तरह मुस्कुराया।

''गुड मार्निंग , दीदी। ''

''गुड मार्निंग पंकज। '' मुस्कुराकर उसका जवाब देते हुए मैं आगे बढ ली।

 कुछ देर तक उसका मुस्कुराता चेहरा भी मेरे साथ-साथ चलता रहा। उस समय पंकज क्या लिख रहा होगा ? शायद अपना सिग्नेचर कर रहा हो। यह भी कोई बात हुयी? मैं भी क्या फालतू की बातों मे अपने दिमाग को

जिज्ञासा..................(kahani agyey ji ki )


ईश्वर ने सृष्टि की।

सब ओर निराकार शून्य था, और अनन्त आकाश में अन्धकार छाया हुआ था। ईश्वर ने कहा, ‘प्रकाश हो’ और प्रकाश हो गया। उसके आलोक में ईश्वर ने असंख्य टुकड़े किये और प्रत्येक में एक-एक तारा जड़ दिया। तब उसने सौर-मंडल बनाया, पृथ्वी बनायी। और उसे जान पड़ा कि उसकी रचना अच्छी है।

तब उसने वनस्पति, पौधे, झाड़-झंखाड़, फल फूल, लता-बेलें उगायीं; और उन पर मँडराने को भौंरे और तितलियाँ, गाने को झींगुर भी बनाए।

तब उसने पशु-पक्षी भी बनाये। और उसे जान पड़ा कि उसकी रचना अच्छी है।

लेकिन उसे शान्ति न हुई। तब उसने जीवन में वैचित्र्य लाने के लिए दिन और रात, आँधी-पानी, बादल-मेंह, धूप-छाँह इत्यादि बनाये; और फिर

Thursday, November 22, 2012

कविता ( मौन आवाज )

" लिखता हूं तो
सुकून महसूस करता हूँ
अँकुरित शब्दों को
जी भर उगने देता हूँ ".....
     

Qareeb reh ke sulagne se ........क़रीब रह के सुलगने से




Qareeb reh ke sulagne se kitna behtar tha..
Kisi maqaam pe hum tum bichar gaye hotey...
.
.
क़रीब  रह के सुलगने से कितना बेहतर था 
किसी मुक़ाम पर हम तुम बिछड़ गए होते

Noshi Gilani

Shararat Le ke Ankho Mein ..


Shararat Le ke Ankho Mein ,Wo Us ka Dekhna Touba
Main Nazron Pe Jami Nazrein Jhukana Bhool Jataa hoon .....

शरारत लेके आँखों में , वो उसका देखना तौबा 
मैं नज़रों पे जमी नज़रें झुकना भूल जाता हूँ .... 

Anjaam-e-Ishq sunaata hun.....अंजाम-ए -इश्क़ सुनाता हूँ....


Anjaam-e-Ishq sunaata hun,  tavajjo se suniye,
Majboriyan, Rusvaiyan, Tanhaiyan,  phir Maut.....

अंजाम-ए -इश्क़ सुनाता हूँ ,तवज्जो से सुनिए 
मजबूरियाँ , रुसवाईयाँ , तन्हाईयाँ , फिर मौत 

Itne kahaan masroof ho....इतने कहाँ मसरूफ हो....


Itne kahaan masroof ho gaye ho ..
Dil dukhane bhi ab nahi aatey.!!

इतने कहाँ मसरूफ हो गए हो 
दिल दुखाने भी अब नहीं आते 

(Namaloom)

Chalo ye Zindagi bhi ab tumhare...


Chalo ye Zindagi bhi ab tumhare naam kerte hain..
Suna hai bewafa ki bewafa se khuub banti hai..!!

हम हैं संक्रमण काल की औरतें........


हम हैं संक्रमण काल की औरतें
साबुत न बचने की हद तक...
साबित करती रहेंगी हम कि हे दंडाधिकारियो..
गलत नही थे हमें ज़िंदा बख्श दिए जाने के तुम्हारे फैसले

हमने किये विवाह तो साबित हो गये सौदे
हमने किये प्रेम तो कहलाये बदचलन..
हमने किये विद्रोह तो घोषित कर दिए गये बेलगाम

छाँटे गये थे हम मंडी में ताज़ी सब्जियों की तरह
दुलराये गये थे कुर्बानी के बकरे से..
विदा किये गये थे सरायघरों के लिए..
जहां राशन की तरह मिलते थे मालिकाना हक

आंके गये थे मासिक तनख्वाओं,सही वक्त पर जमा हुए बिलों,स्कूल के रिपोर्ट कार्डों,

अकाल और उसके बाद.....

कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास
कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास
कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त
कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त ।

दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद
धुआँ उठा आँगन से ऊपर कई दिनों के बाद
चमक उठी घर भर की आँखें कई दिनों के बाद
कौए ने खुजलाई पाँखें कई दिनों के बाद |

(नागार्जुन)

He cheated !!! wat now ?

 Finding out your partner’s been unfaithful is one of the most devastating things that can happen to you in a relationship. Even if you’re the type of person who doesn't consider cheating (especially if it’s purely physical) to be a huge deal, and would give him another chance, you must know it’s simply not as easy as that.

Being deceived and lied to does not feel good and definitely puts a big strain on the relationship. Discovering that there’s been infidelity on his par may leave you bitter, angry, resentful… These are not feelings you can just shake off and put in a little box to shelf somewhere deep inside your mind. And that’s exactly what you shouldn't do. What you should do is really take time to work through all those feelings, by yourself at first, and then, with your partner (if you decide you want to and actually can do so). This leads us to the first step:

1. To Be or Not to Be, This is the Question

After the initial shock has passed you’ll realize you have an important decision on your hands. And this is where you’ll really need to be honest with yourself! Think hard – can you really forgive? Do you even want to? Would you feel more comfortable if

ਮੱਠੀਆਂ............ ਇੱਕ ਕਹਾਨੀ


ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੇ ਸਫ਼ਰ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਅਜਿਹੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਵਾਪਰਦੀਆਂ ਹਨ, ਜੋ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਭਰ ਨਹੀਂ ਭੁੱਲਦੀਆਂ। ਅਜਿਹੀ ਇੱਕ ਘਟਨਾ ਜੋ ਕਈ ਸਾਲ ਪਹਿਲਾਂ ਉਦੋਂ ਵਾਪਰੀ ਜਦੋਂ ਰਾਮਗੜ੍ਹੀਆ ਪੌਲੀਟੈਕਨਿਕ ਫ਼ਗਵਾੜਾ ਦੇ ਅਸੀਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਆਪਣੇ ਟੈਕਨੀਕਲ ਟੂਰ ਦਾ ਸਫ਼ਰ ਤੈਅ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਦੋ ਕੋਚਾਂ ਵਿੱਚ ਸਵਾਰ ਆਪਣੇ ਸਫ਼ਰ ਦੇ ਦੂਸਰੇ ਪੜਾਅ ਵਿੱਚ ਹਿਮਾਚਲ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਦੇ ਵਿਕਾਸਸ਼ੀਲ ਕਸਬੇ ਸੁੰਦਰ ਨਗਰ, ਇੱਕ ਚਾਹ ਦੀ ਦੁਕਾਨ ਉੱਤੇ ਥੋੜੀ ਦੇਰ ਲਈ ਰੁਕੇ।
ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਯਾਰੀਆਂ, ਦੋਸਤੀਆਂ, ਦੁਸ਼ਮਣੀਆਂ ਦੀ ਆਮ ਭਰਮਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਗੁੱਟਬਾਜ਼ੀ ਦਾ ਪੈਦਾ ਹੋਣਾ ਵੀ ਇੱਕ ਆਮ ਗੱਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇਸ ਟੂਰ ਵਿੱਚ ਵੀ ਕੁੱਝ ਗੁੱਟਬਾਜ਼ੀ ਬਣੀ ਹੋਈ ਸੀ ਅਤੇ ਮੇਰੇ ਗੁੱਟ ਵਿੱਚ ਛੇ ਦੋਸਤਾਂ ਦੀ ਇੱਕ ਸਲਾਹ ਸੀ ਅਤੇ ਗੁੱਟ ਦਾ ਫ਼ੈਸਲਾ ਇਹ ਸੀ ਕਿ ਟੂਰ ਦੌਰਾਨ ਕਿਸੇ ਵੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹਾਲਾਤ ਵਿੱਚ ਅਸੀਂ ਇਕੱਠੇ ਰਹਿਣਾ ਹੈ ਅਤੇ ਖ਼ਰਚ ਪਾਣੀ ਲਈ ਇੱਕ ਬੰਦੇ ਕੋਲ ਹੀ ਪੈਸੇ ਦੇਣੇ ਹਨ ਤਾਂਕਿ ਉਹ ਬੰਦਾ ਹੀ ਗਰੁੱਪ ਦਾ ਸਾਰਾ ਖ਼ਰਚ ਦੇਣ ਅਤੇ ਹਿਸਾਬ ਰੱਖਣ ਲਈ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਟੂਰ ਦੇ ਅਖੀਰ ਵਿੱਚ ਸਾਰਾ ਵਾਧਾ ਘਾਟਾ ਗਿਣ ਗੱਠ ਲਿਆ ਜਾਵੇ। ਇਸ ਫ਼ੈਸਲੇ ਤਹਿਤ ਮੇਰੇ ਗਰੁੱਪ ਨੇ ਇਹ ਸਾਰੀ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰੀ ਮੇਰੇ ਸਿਰ ਧਰ ਦਿੱਤੀ। ਕਹਿਣ ਦਾ ਭਾਵ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਮੇਰੀ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰੀ ਸੀ ਕਿ ਜਿੱਥੇ

ਮਤਲਬੀ............ਇੱਕ ਕਹਾਣੀ

ਕਾਲਜ ਦੇ ਹੋਸਟਲ ਵਿਚੋਂ ਕੁੜੀਆਂ ਦਾ ਗੁਆਚ ਜਾਣਾ ਬੁਝਾਰਤ ਬਣ ਗਿਆ। ਜਿਸ ਦੇ ਨਾਲ ਇਕ ਉਚ ਮਹਾਂ ਵਿਦਿਆਲਾ ਦੀ ਬਦਨਾਮੀ ਹੋਈ। ਮੈਨੂੰ ਉਸ ਵਿਚ ਪੜਾਂਦਿਆ ਅਜੇ ਥੌੜੀ ਹੀ ਦੇਰ ਹੀ ਹੋਈ ਸੀ। ਪੁਲੀਸ ਨਿੱਤ ਕਾਲਜ ਵਿਚ ਆ ਵੜਦੀ। ਅਖਬਾਰਾਂ ਵਿਚ ਰੋਜ਼ ਹੀ ਇਹ ਖਬਰ ਚਰਚਾ ਦਾ ਵਿਸ਼ਾ ਬਣਦੀ। ਕੁੜੀਆਂ ਦੀ ਭਾਲ ਨਿੰਰਤਰ ਜਾਰੀ ਹੋਣ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਵੀ ਕੋਈ ਉਘ -ਸੁਗ ਨਾ ਮਿਲੀ। ਘਰੋਂ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦੀ ਤਾਂ ਆਂਢ- ਗੁਆਂਡ ਦੇ ਸਵਾਲਾਂ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ। ਘਰ ਆਉਂਦੀ ਪਰਿਵਾਰ ਦਾ ਇਕੱਲਾ ਇਕੱਲਾ ਜੀਅ ਪੁੱਛਦਾ, “ ਕੁੜੀਆਂ ਦਾ ਕੁੱਝ ਪਤਾ ਲੱਗਾ”?

Wednesday, November 21, 2012

Do chaar nahi mujhey faqat ...



Do chaar nahi mujhey faqat aik hi dikha do 'dost'
wo shaqs jo ander say bhi,  baahar ki tarha ho.......

Chadh jaaye to phir utartaa hi nahin....



Chadh jaaye to phir utartaa hi nahin,
Yeh ishq bhi gareeb ke qarzz jaisa hai......

Tuesday, November 20, 2012

Negotiating Salary


- Here are some basics: 

1. Do your homework.
Understand the salary range. Many job seekers receive an offer but have no idea how to determine if it's appropriate. It is important to identify a realistic range of pay by researching industry and trade Web sites, consulting the Bureau of Labor Statistics (BLS), utilizing online salary calculators, like CBsalary.com, and carefully reviewing the job posting. "You'll also need to have an objective opinion of your skills and where you fit within that range."

2. Script it out.
Plan your discussion. "Before any interview you should have three figures in mind," . The first is the least you need to put food on the

Monday, November 19, 2012

Academic Qualifications of India’s Famous Writers & Authors


In recent years we have seen an increase in the number of Indian Authors and their award winning Novels and books. But, ever wondered if writing was their first career? Many of these established Authors started their career in different fields and later realized their passion for writing. Following is a list of some popular authors with their academic qualification and their first career.

Anurag Mathur – Educated at the Scindia School (Gwalior, India).


He earned his bachelors degree from St. Stephen’s College, Delhi, and his masters from the University of Tulsa. Anurag Mathur’s first career was in career in journalism and publishing.

Khushwant Singh – Educated at Modern School, New Delhi, Government College, Lahore, St. Stephen’s College in Delhi and 

studied law at King’s College and qualified as a barrister from the Inner Temple. He started his career as a Reader for the Bar at the Inner Temple.

Chetan Bhagat - Educated at Army Public School, Dhaula Kuan, 


New Delhi. Mechanical Engineering at the Indian Institute Of

Top 5 Strangest and Most Unusual Temples in India

India has strong roots of spirituality and religion. There are various religious and spiritual places to visit in India. The spiritual land of India is home to 64 crore deities. There are seven sacred cities in India namely Mathura, Kashi, Haridwar, Ujjain, Kanchipuram, Ayodhya and Dwarka. The other Holy cities are Rishikesh, Amritsar and Bodhgaya. That makes a total of 10 must see Spiritual destinations in India. Apart from the above mentioned spiritual destnations, there are few strange and most unusual temples in India. Following is a list of Top 5 such strange temples.

Chinese Kali Temple, Tangra, Kolkata
There is nothing different about the Kali idol. But, at the time of Kali puja one must have a look at the bhog (prasad); it comprises of noodles, chop suey, rice-and-vegetables dishes. Tangra is a small Chinatown in the heart of Kolkata. A large number of Chinese population lives here since generations. Though they are predominantly Buddhist and Christians but here stands an unique symbol of cultural syntheses- a Chinese Kali Temple.

Trishund Ganapati Temple, Pune
As the name suggests “Trishund” actually means three trunks. Amidst of narrow lanes of Somvar Peth area of Pune lies a temple dedicated to Lord Ganesh. This Ganpati temple was built in between 1754 – 1770 AD. It was constructed by Bhimjigiri Gosavi. This is also supposed to be the only temple in Pune that is built in

Charkha Mera Rangla by Chitra Singh

Kothey Te Khalo Mahiya - Asa Singh Mastana & Surinder Kaur

Teriyan Mohabbatan Ne Maar Suttiya

Mohammed Rafi - Heer Ranjah Punjabi opera prt 5 - HEER

Gori Diyan Jhanjhra

punjabi sangeet (playlist)

Ajj di diharhi - Surinder Kaur & Parkash Kaur

Surinder Kaur and Parkash Kaur Ni Mainu Deor De Viah Wich Nach Lain De N...

Mera Loung Gawacha

Baba ve kala Maror

sanu buk nal paani pilade

Ve Le De Mainu Makhmal Dee Parkash Kaur A Punjabi Song..

Chan Ve Ke Shokan Mele Di, Surinder Kaur And Narinder Kaur.

Mery lagdi kisse na wekhi shamshad begum film lachhi music by hansraj be...

AMBIYAN DE BUTIYAN TAY SHAMSHAD BEGUM FILM BHANGRA MUSIC HANSRAJ BHEL..

lang aaja patan channan da yar lang aaja surinder kaur punjabi folk geet...

Sui Ve Sui - Surinder Kaur & Parkash Kaur

NEE TUT JAYE RAIL GADIYE SHAMSHAD BEGUM FILM GUDDI HANSRAJ BEHL...

Sunday, November 18, 2012

Ik Meri Akh Kashni-Surinder Kaur

Inna Akhian ich pawan kiwain kajla ve

Chan Kithe Guzari Ayee Rat - Surinder Kaur

Kaala Doriya Surinder Kaur & Parkash Kaur.

mohd,samshad begum and chorus old punjabi songs (playlist)

Asan Chann nu gawah kita Mohammad Rafi, Asha Bhonsle

Bhanwein Bol Te Bhanwein Na Bol Do Lachhian 1959 Punjabi Shamshad Begum ...

posti song1

Teri Kanak Di Rakhi (Do Lachhian 1960)

Kachi Tut Gayi Jina Di Yari

Pyar De Polekhe... (Guddi)

Ha Ai Ni Mera Balam Haey Bada Zaalim Do Lachhian Punjabi 1959 Shamshad B...

Lai Aa Te Torh Nibhwin

Batti bal ke banere uttey rakhni aan

old bolyan of punjabi culture Prakash Kaur & Surinder Kaur Saade Tan V...

Jaddon Charheya Veera - Sarabjit Kaur - Mamla Gadbad Hai (Movie)

चारा काटने की मशीन ...upender nath ashq ki kahaani


रेल की लाइनों के पार, इस्लामाबाद की नयी आबादी के मुसलमान जब सामान का मोह छोड,जान का मोह लेकर भागने लगे तो हमारे पड़ोसी लहनासिंह की पत्नी चेती।
”तुम हाथ पर हाथ धरे नामर्दों की भाँति बैठे रहोगे,” सरदारनी ने कहा, ”और लोग एक से एक बढ़िया घर पर कब्जा कर लेंगे।”

सरदार लहनासिंह और चाहे जो सुन लें, परन्तु औरत जात के मुँह से ‘नामर्द’ सुनना उन्हें कभी गवारा न था। इसलिए उन्होंने अपनी ढीली पगड़ी को उतारकर फिर से जूड़े पर लपेटा; धरती पर लटकती हुई तहमद का किनारा कमर में खोंसा; कृपाण को म्यान से निकालकर उसकी धार का निरीक्षण करके उसे फिर म्यान में रखा और फिर इस्लामाबाद के किसी बढ़िया ‘नये’ मकान पर अधिकार जमाने के विचार से चल पड़े।

वे अहाते ही में थे कि सरदारनी ने दौड़कर एक बड़ा-सा ताला उनके हाथ में दे दिया। ”मकान मिल गया तो उस पर अपना कब्जा कैसे जमाओगे?”

सरदार लहनासिंह ने एक हाथ में ताला लिया, दूसरा कृपाण पर रखा और लाइनें पार कर इस्लामाबाद की ओर बढ़े।

खालसा कालेज रोड, अमृतसर पर, पुतली घर के समीप ही हमारी कोठी

Mawa Te Dhiyan Ral bethiya ni maye....

kurti meri cheet di punjabi old song

Saturday, November 17, 2012

Worst Passwords.


Here are some most popular but worst passwords which are generally used by people 
01.  password 
02.  123456 
03.  12345678 
04.  abc123 
05.  qwerty 
06.  monkey 
07.  letmein 
08.  dragon 
09.  111111 
10.  baseball 
11.  iloveyou 
12.  trustno1 
13.  1234567 
14.  sunshine
15.  master 
16.  123123 
17.  welcome 
18.  shadow 
19.  ashley 
20.  football 
21.  jesus 
22.  michael 
23.  ninja 
24.  mustang 
25.  password1 

These are the poor passwords of 2012, so if your using these type of password or if your password is related to above listed passwords, please changed it immediately and protect your online accounts from hackers.

Friday, November 16, 2012

Oven Fried Potato Wedges


Prep time:  Cook time:  Total time:  
Serves: 3 

Ingredients
  • 3 large russet potatoes, cleaned and sliced into 1″ wedges
  • 3 Tbsp. flour
  • 1 Tbsp. corn starch
  • 1-2 Tbsp. Ranch powder (you can buy the packet and take what you need)
  • 2-3 Tbsp. vegetable oil
  • salt and pepper to taste
Instructions
  1. Preheat the oven to 375 degrees.
  2. Place your potato wedges in a large bowl. In a separate bowl, combine flour, corn starch and ranch powder. Sprinkle it over the potato wedges and toss to coat.
  3. Take 2 tablespoons oil and sprinkle that over the potato wedges, tossing to coat. Use an additional tablespoon if necessary.
  4. Place the potato wedges on an unlined baking sheet.
  5. Bake for 35 to 40 minutes, turning every ten minutes to avoid sticking, until golden brown and crisp.
  6. When finished, sprinkle with salt and pepper to taste.

Cheese Sticks


Prep-time 30 mins+1 hr rise           Cook time 20 mins                       Total time 1 hr 50 mins

Ingredients 
100 g butter
1 egg
50 ml oil
50 ml milk
25 g fresh yeast
50 g cheese, grated
3 cups flour
1 1/2 tbsp wheat bran, optional
1 tsp sugar
salt
Topping
1 egg
Grated cheese

Method 
In a large bowl mix butter with egg and oil. Dissolve yeast in milk and add to butter mixture. Add flour, wheat bran, sugar, salt and cheese and knead until the dough is smooth and pulls away from the side of the bowl. Cover the bowl with plastic wrap and refrigerate for 1 hour, to let the yeast develop.
Preheat the oven to 180C (350F).
Split the dough in 2 pieces, roll out each piece on the back of 2 baking trays. Cut the edges to be straight.
Beat egg and brush over dough. Sprinkle with grated cheese and using a dough cutter cut in long sticks. Bake for about 20 minutes until golden-brown.
   

Crecent Rolls


Prep time30 mins + 1 hr rise 
Cook time15 mins 
Total time1 hr 45 mins

Ingredients 
Makes 32 rolls

3 1/2 cups flour
25 g fresh yeast
1/3 cup water, warm
3/4 cup milk, warm
1 1/2 tbsp sugar
2 eggs
1 tsp salt
4 tbsp butter, softened
Filling
4 or 5 tbsp butter, softened
Topping
1 1/2 tbsp butter, melted

Method
In a large bowl, mix flour with sugar and salt. Dissolve the fresh yeast in the warm water and add to the flour mixture. Add eggs and milk, mix everything together. Add the butter and knead until the dough is smooth and soft. Cover with a clean dish towel and let it rise for about 1 hour in a warm area, until doubled in size.
Punch dough down and divide into 2 equal parts. Form them into balls. On a floured surface roll each part into a 16 to 17 inch round, using a rolling pin. With the back of a spoon, spread about 2 tbsp of very soft butter onto the dough round. Using a pastry wheel cutter cut the round into 16 triangles (like slicing a pizza). 
Start rolling each triangle into crescents, starting from the outside edge of the triangle. Once rolled, curve the edges and place on a greased baking tray with the tip tucked down and under the roll. Repeat rolling with the rest of the triangles. Let them rise for about 20 minutes. Melt additional 1 1/2 tbsp butter and brush the tops of the rolls with melted butter. Preheat the oven to 400F (200C). Bake for 14-18 minutes until puffed and golden brown. Let them cool on a wire rack few minutes before serving.


Cheese Balls


Prep time
10 mins
Cook time
20 mins
Total time
30 mins

Ingredients 
Makes about 28-30 cheese balls
3 cups grated semi-hard cheese
3 tbsp semolina
salt and freshly ground black pepper
1 -egg
1 tsp -Fresh Dill, chopped ( Fresh dill herb is often used in salads and you can see dill leaves in bunches served with assorted fresh vegetables )
Image of DILL

Method
Preheat the oven to 350°F (180°C).
In a medium bowl mix the grated cheese with semolina flour. Then add the egg, salt, pepper and dill and mix thoroughly to form a dough. 
Take about 1 tbsp of mixture and shape into balls. Place the cheese balls on a greased baking sheet.
Bake for about 15–20 minutes and another 3-5 minutes on broil.

Tuesday, November 06, 2012

विस्साव शिंबोर्स्का की एक कविता



मेरे लिए दुखांत नाटक का सबसे मार्मिक हिस्सा

इसका छठा अंक है

जब मंच के रणक्षेत्र में मुर्दे उठ खड़े होते हैं

अपने बालों का टोपा सम्भालते हुए

लबादों को ठीक करते हुए