Sunday, November 18, 2012

Ik Meri Akh Kashni-Surinder Kaur

Inna Akhian ich pawan kiwain kajla ve

Chan Kithe Guzari Ayee Rat - Surinder Kaur

Kaala Doriya Surinder Kaur & Parkash Kaur.

mohd,samshad begum and chorus old punjabi songs (playlist)

Asan Chann nu gawah kita Mohammad Rafi, Asha Bhonsle

Bhanwein Bol Te Bhanwein Na Bol Do Lachhian 1959 Punjabi Shamshad Begum ...

posti song1

Teri Kanak Di Rakhi (Do Lachhian 1960)

Kachi Tut Gayi Jina Di Yari

Pyar De Polekhe... (Guddi)

Ha Ai Ni Mera Balam Haey Bada Zaalim Do Lachhian Punjabi 1959 Shamshad B...

Lai Aa Te Torh Nibhwin

Batti bal ke banere uttey rakhni aan

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Jaddon Charheya Veera - Sarabjit Kaur - Mamla Gadbad Hai (Movie)

चारा काटने की मशीन ...upender nath ashq ki kahaani


रेल की लाइनों के पार, इस्लामाबाद की नयी आबादी के मुसलमान जब सामान का मोह छोड,जान का मोह लेकर भागने लगे तो हमारे पड़ोसी लहनासिंह की पत्नी चेती।
”तुम हाथ पर हाथ धरे नामर्दों की भाँति बैठे रहोगे,” सरदारनी ने कहा, ”और लोग एक से एक बढ़िया घर पर कब्जा कर लेंगे।”

सरदार लहनासिंह और चाहे जो सुन लें, परन्तु औरत जात के मुँह से ‘नामर्द’ सुनना उन्हें कभी गवारा न था। इसलिए उन्होंने अपनी ढीली पगड़ी को उतारकर फिर से जूड़े पर लपेटा; धरती पर लटकती हुई तहमद का किनारा कमर में खोंसा; कृपाण को म्यान से निकालकर उसकी धार का निरीक्षण करके उसे फिर म्यान में रखा और फिर इस्लामाबाद के किसी बढ़िया ‘नये’ मकान पर अधिकार जमाने के विचार से चल पड़े।

वे अहाते ही में थे कि सरदारनी ने दौड़कर एक बड़ा-सा ताला उनके हाथ में दे दिया। ”मकान मिल गया तो उस पर अपना कब्जा कैसे जमाओगे?”

सरदार लहनासिंह ने एक हाथ में ताला लिया, दूसरा कृपाण पर रखा और लाइनें पार कर इस्लामाबाद की ओर बढ़े।

खालसा कालेज रोड, अमृतसर पर, पुतली घर के समीप ही हमारी कोठी

Mawa Te Dhiyan Ral bethiya ni maye....

kurti meri cheet di punjabi old song